सीएम धामी ने नई सरकार के सामने लगाई मांगों की झड़ी, पीएम मोदी के समक्ष विकास के रोड मैप के साथ रखे कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव

  • अग्रणी राज्य बनाने के लिए जुटे हैं दिन-रात
  • ढाई साल के कार्यकाल में राज्य के लिए लाए रिकॉर्ड योजनाएं

उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विकास अभियान जारी है। ढाई साल के कार्यकाल में सीएम धामी केंद्र से रिकॉर्ड विकास योजनाएं उत्तराखंड के लिए ला चुके हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होने पर बधाई और शुभकामनाएं देने का मौका आया तो भी मुख्यमंत्री धामी राज्य के विकास से जुड़ी अपनी मांगों को उठाने में पीछे नहीं रहे। तीन दिवसीय दिल्ली दौरे में सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रियों के सामने मांगों की झड़ी लगा दी। खास तौर से बिजली, पर्यावरण संरक्षण, स्टेट हाईवे को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने, गढ़वाल-कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार, दूरस्थ पहाड़ी इलाकों में संचार कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उन्होंने प्रमुखता से उठाया।

विषम भौगोलिक परिस्थितियों से घिरे पर्वतीय राज्य में विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए दिन-रात राज्य के चतुर्दिक विकास को तत्पर हैं। इसी आधार पर राज्य के विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर सीएम धामी ने राज्य के विकास का रोडमैप उनके सामने रखा। उन्होंने कहा कि राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक दृष्टि से अधिसूचित नियम 2017 की व्यवस्था को यथावत रखा जाए।

जौनसार बावर क्षेत्र में स्थित महासू देवता मंदिर क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत विकसित किए जाने के साथ ही अलकनंदा, भागीरथी और सहायक नदियों पर प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं की ओर भी पीएम मोदी का ध्यान दिलाया।
इसके अलावा देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना, प्रस्तावित तीन टनल परियोजनाओं ज्योलिकांग -वेदांग (5 किमी), सीपू-तोला (22 किमी). और मिलम- लैपथल (30 किमी) का काम आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

ये भी पढ़ें:   देवभूमि के साथ ही ’’खेल प्रतिभाओं की भूमि’’ के नाम से पहचाना जाएगा उत्तराखण्ड: मुख्यमंत्री

मानसखंड मन्दिर माला मिशन के तहत 16 मंदिरों के समग्र विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये की सहायता और हरिद्वार में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क व औद्योगिक विकास के लिए भेल से राज्य को भूमि हस्तान्तरण का अनुरोध भी सीएम धामी ने किया।

राज्य आपदा मोचन निधि की राशि बढ़ाई जाए

प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील राज्य है। यह विषय सीएम धामी की प्राथमिकता में रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात में उन्होंने राज्य आपदा मोचन निधि के तहत पुनर्निर्माण कार्यों के लिए धनराशि बढ़ाने का अनुरोध किया। बताया कि नैनीताल में पार्किंग बड़ी समस्या है, इसलिए शत्रु सम्पति घोषित मेट्रोपोल होटल परिसर की समस्त भूमि वहां वाहन पार्किंग और सड़क चौड़ीकरण के लिए राज्य सरकार को दे दी जाए।

नैनीताल में रक्षा विभाग की भूमि पार्किंग के लिए देने का अनुरोध

नैनीताल में पार्किंग बड़ी समस्या है। सीएम धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष यह विषय प्रमुखता से रखा। उन्होंने पार्किंग सुविधाओं के विकास के लिए नैनीताल स्थित रक्षा संपदा की विभाग की भूमि राज्य सरकार को देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि नैनीताल विश्व पर्यटन ही नहीं धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो गया है। श्री कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां आने वाले श्रद्धालु नैनीताल या आसपास के क्षेत्रों में ही रुकते हैं। नैनी झील से 2 किमी की दूरी पर रक्षा संपदा विभाग की तीन एकड़ भूमि है। यह भूमि पार्किंग के लिए राज्य सरकार को मिल जाए तो इसे बहुमंजिला पार्किंग के रूप में विकसित कर पार्किंग की समस्या से काफी हद तक पार पाया जा सकेगा।

ये भी पढ़ें:   साल 2025 तक डेढ़ लाख महिलाएं बनेगी लखपति दीदी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिए मांगी वन भूमि

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिए राज्य सरकार को हस्तांतरित किए जाने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू के लिए वायुयान सेवा संचालित की जानी है,

इसके लिए जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्रवाई भी जल्द होनी है। भूमि अधिग्रहण और कब्जे की प्रक्रिया के बाद विस्तारीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा लंबित भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों के अनुमोदन और रुद्रप्रयाग जिले में राजकीय पॉलीटेक्निक चोपता के लिए चयनित वन भूमि के हस्तांतरण का भी अनुरोध उन्होंने केंद्रीय मंत्री से किया।

गडकरी ने कनेक्टिविटी के प्रस्तावों पर दी सहमति

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर सीएम धामी ने राज्य की कनेक्टिविटी से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की। उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले 257 किमी लंबे खैरना-रानीखेत-भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचौरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा देने, देहरादून में रिंग रोड प्रोजेक्ट को स्वीकृति देने, देहरादून में ही मोहकमपुर से अजबपुर तक एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री से चर्चा की। देहरादून-मसूरी रोड कनेक्टिविटी के प्रस्ताव पर भी केंद्रीय मंत्री ने सहमति जताई। खटीमा शहर के लिए रिंग रोड, हल्द्वानी, पंतनगर एयरपोर्ट, चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ में भी बाईपास बनाने का सीएम ने अनुरोध किया। मुख्यमंत्री धामी की मांग पर राज्य के छह स्टेट हाईवे को एनएच का दर्जा देने, ऋषिकेश बाईपास मार्ग बनाने को भी केंद्रीय मंत्री ने अपनी स्वीकृति दी है

ये भी पढ़ें:   उत्तराखंड में शुरू हुआ MOOC कोर्स, शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार

केंद्रीय पूल से मांगी 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्तराखंड को आवंटित किए जाने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य के आधारभूत ढांचे को और मजबूत किया जाना है, जिससे विद्युत की मांग और भी बढ़ेगी।

संचार सुविधा से वंचित क्षेत्रों में लगाएं मोबाइल टावर

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में संचार कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने संचार सुविधा से वंचित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने, पिथौरागढ़ के सीमांत गांवों में संचार सुविधाओं के विस्तार और गुुंजी में स्थापित टावर को संचालित किए जाने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि 4G सैचुरेशन स्कीम के तहत बीएसएनएल को उत्तराखण्ड में 638 टावर स्थापित करने थे, लेकिन अभी 224 टावर ही लगाए गए हैं। शेष टावरों के लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत थी। यह काम पूरा कर लिया गया है, लिहाजा अन्य टावर भी लगा दिए जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *