देहरादून। सरकारी स्कूलों मे चल रहे पीएम पोषण कार्यक्रम के तहत बनाये जाने वाले भोजन की स्वच्छता को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मानक मंथन के इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग व खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की भागीदारी रही। दोनों विभाग के 300 से अधिक प्रतिभागी ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े, जिनमें विभिन्न पदाधिकारी, प्रधानाचार्य, पीएम पोषण संयोजक आदि शामिल थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी है ताकि स्कूलों में मानकों के अनुसार पौष्टिक आहार बच्चों को उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि भोजन बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को सीधे तौर से प्रभावित करता है। उन्होंने सभी से घर, स्कूल व आसपास सफाई का विशेष ध्यान देने को कहा।
बीआईएस देहरादून शाखा के प्रमुख व निदेशक सौरभ तिवारी ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। स्कूलों को इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सामान मानकों के अनुरूप ही लेने चाहिए।
एफएसएसएआई के अधिशाषी निदेशक यूएस ध्यानी ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़ते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काम कर रही विभिन्न एजेंसियों को एक मंच पर आना होगा तभी इसका लाभ सही तरीके से मिल पाएगा।
समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक मुकुल सती ने बताया कि बच्चों को पौष्टिक भोजन तभी मिलेगा, जब मानकों का उचित तरीके से पालन होगा। संयुक्त निदेशक कुलदीप गैरोला ने बताया कि प्रदेश के 16428 स्कूलों में मध्यान भोजन दिया जा रहा है इसके लिए देहरादून व उधम सिंह नगर में सेंट्रलाइज्ड के रसोई है तथा अन्य जगह स्कूलों में ही भोजन तैयार किया जाता है। उन्होंने विद्यालयों के प्रिंसिपल से भी कहा कि वह असेंबली में स्कूली बच्चों को इन मानकों के विषय में बताएं।
खाद्य सुरक्षा के उपायुक्त गणेश चंद्र कंडवाल ने फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के विषय जानकारी दी। बीआईएस के वैज्ञानिक सचिन चौधरी ने स्कूलों में बनाए जाने वाले भोजन की तैयारी व सप्लाई के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बनाए गए कोड (आईएस 6541: 2024) के विषय में विस्तार से जानकारी दी। वैज्ञानिक सौरभ चौरसिया ने बीआईएस की अन्य गतिविधियों के विषय में बताया। कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा के अपर आयुक्त ताजबर सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य, भोजन माताएं आदि उपस्थित रहे।